क्लेयर कॉनरॉय की कविताएँ ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेश पथ सारिया

क्लेयर कॉनरॉय

बस आधी रात के बाद इन घंटों में

देर रात की शराबनोशी
इन पत्तियों का धुआँ फूँकने से
जली हुई मेरी जीभ
झूठ कहा था तुमसे
परवाह करती हूँ तुम्हारी
पर जताती हूँ
बस आधी रात के बाद इन घंटों में

मेरा संकल्प तोड़ देते हैं
पतझड़ की शुरुआत के दिन
तुम्हें अब जानना
एक भूत से मिलने जैसा है

जानती हूँ, परवाह करते हो तुम भी
तुम्हारी घटिया सस्ती बीयर
और सिगरेट के लंबे सुट्टों की यातना
और मैं, तुम्हारे ख़यालों में आ डराती हुई

बस
आधी रात के बाद इन घंटों में

मेरे साथ रहो

वह मुलायम जगह, खोखली
तुम्हारी धड़कती इच्छाओं के क़रीब
मेरे होंठों से बोसे माँगती है

यदि झुकना होता मुझे
पूरी करने को
ख़्वाहिश जो मैं रखती हूँ
और दर्द जो तुम में समोया है
हम उत्सुकता से संतुष्ट हो सकते थे

आह, पर ख़ुद को ताने मारना
और तुम्हें सताना
क्या इससे प्रज्ज्वलित होगी
हमारी प्रफुल्ल्ता

मैं धीमे जलना चाहती हूँ, तुम्हारे साथ
बचती नहीं एक चिंगारी की राख
और मैं बची रहना चाहती हूँ

इस पल के लिए, बस इस पल
मैं बोसे को स्थगित रखती हूँ
हल्का-सा चाटकर
साँस को तरोताज़ा करती हुई

सुनो

मुझमें आए बदलावों की इज़्ज़त करो
मुझे लगता है वे अच्छे हैं
मेरी सलाह मानो
क्योंकि तुम्हें करना चाहिए ऐसा शायद

कोई शुबहा न रखो मेरे ख़यालों पर
वही हैं, जो मैं महसूसती हूँ
मत उघाड़ो पुराने घाव
क्योंकि कभी वास्तविक थे वे

संगीत सुनो
क्योंकि अर्थ गीत में छुपा है
गुज़रे वक़्त के लिए मुआफ़ करना मुझे
क्योंकि मैं ग़लत थी तब

मत कहो : “तुम्हें चाहा था कभी”
सच्ची नहीं थी वह मुहब्बत
सुन लो मेरी बात
क्योंकि मैं सुनती हूँ, बात तुम्हारी

पेरिस तक आओ पीछे मेरे

पेरिस तक आओ पीछे मेरे,
कितना कुछ कहना है मुझे;
मेरे पास बस शब्द हैं

शब्दों से ज़्यादा
मुझे एक भविष्यवाणी की है दरकार
कोई सच
जिसे पचाया न जा सके

न पुर्तगाली शराब
न कड़वी गोलियाँ
न ड्रग्स, न धुएँ का छल्ला
न नशे की हालत
सच को उद्घाटित कर सकती है

शहर की रोशनी
जगमगा देती है उसे जो देखा जाना चाहिए
किसी कोने में, होनी चाहिए
खुरदरी ईमानदारी
मेरा इंतज़ार करती

तो, पेरिस तक आओ पीछे मेरे
गलियों में हँसते और दौड़ते हुए
ऐतिहासिक रोड़ियों का दुखांत प्रेम
हमारे रंध्रों में प्रविष्ट होता हुआ

क्लेयर कॉनरॉय अमेरिकन कवयित्री हैं। उनका जन्म पोर्ट्समाउथ (न्यू हैम्पशायर) शहर हुआ और अब वह न्यू हैम्पशायर प्रांत के सोमर्सवर्थ शहर में रहती हैं। अनुवादक को भेजे परिचय में क्लेयर ख़ुद को लगभग चालीस साला औरत बताती हैं जो शब्दों के असर की मुरीद हैं। उन्हें शब्दों का दृश्यात्मक असर प्रभावित करता है। ब्रेकअप के बाद की मुश्किलों से निकलने की कोशिशों में कविता उनका सहारा बनी। अपनी कविता में प्रेम, विरह, जुनून, प्रकृति और ज़िंदगी का जश्न, ऐतिहासिक घटनाओं का समावेश करते हुए वह अपनी रचनात्मक यात्रा तय कर रही हैं। उनकी कविताओं का एक संकलन (Listen) आ चुका है, जिसकी शीर्षक कविता का अनुवाद यहाँ प्रस्तुत कविताओं में शामिल है। फ़िलहाल वह दूसरे संकलन की तैयारी कर रही हैं। देवेश पथ सारिया हिंदी की नई पीढ़ी से संबद्ध कवि-लेखक और अनुवादक हैं। वह संसार के कुछ बिल्कुल नए कवियों से पहले-पहल हिंदी संसार को परिचित करा रहे हैं। ‘सदानीरा’ उनके इस प्रयत्न का अत्यंत आदर करते हुए, उनके काम को सतत प्रकाशित कर रही है। देवेश से और परिचय के लिए यहाँ देखें : पेड़ हलाक होते हैं, शहीद नहीं

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